एक साथ चुनाव
विचार संगोष्ठी: “एक राष्ट्र, एक चुनाव”
परिचय:
आयोजन की पृष्ठभूमि और उद्देश्य
राधे श्याम चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा आयोजित यह विचार संगोष्ठी “एक राष्ट्र, एक चुनाव” की अवधारणा पर केंद्रित है — एक ऐसी चुनाव प्रणाली, जिसके अंतर्गत देश की लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाएं। यह मॉडल भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का हिस्सा रह चुका है और 1951-52 से लेकर 1967 तक इसकी सफलतापूर्वक अनुकरण किया गया।
माननीय अतिथि:
राधे श्याम चैरिटेबल फाउंडेशन की ओर से निम्नलिखित अतिथियों को आमंत्रित किया गया है, जिनकी उपस्थिति इस कार्यक्रम को और भी गौरवमयी बनाएगी।
राजनैतिक पृष्ठभूमि के अतिथि:
1. श्री कलराज मिश्र (पूर्व राज्यपाल | पूर्व केंद्रीय मंत्री )
2. श्री सुनील देवधर (पूर्व राष्ट्रीय सचिव (भारतीय जनता पार्टी) | संस्थापक, माई होम इंडिया)
3. डॉ. शिव शक्ति नाथ बक्सी (कार्यालय सचिव, भाजपा संसदीय दल | राष्ट्रीय प्रमुख, भाजपा प्रकाशन विभाग | संपादक, कमल संदेश)) (
4. प्रो.(डॉ) रमाकांत द्विवेदी (डायरेक्टर ICAF | प्रमुख, एमईआरआई सेंटर फॉर इंटरनेशनल स्टडीज, नई दिल्ली) (()




इन अतिथियों की उपस्थिति कार्यक्रम को और भी सम्मानित और प्रेरणादायक बनाएगी।
विषय की पृष्ठभूमि:
समय के साथ चुनावी समन्वय टूटने के कारण देश में चुनावों की आवृत्ति में वृद्धि हुई है, जिससे कई जटिलताएँ उत्पन्न हुई हैं:
- बार-बार चुनावों के कारण प्रशासनिक संसाधनों पर अत्यधिक दबाव
- आचार संहिता के कारण विकास कार्यों में रुकावट
- चुनावी व्यय में अप्रत्याशित वृद्धि
- शासन की निरंतरता में अवरोध
इस संगोष्ठी के माध्यम से विषय से जुड़े कानूनी, संवैधानिक, सामाजिक और प्रशासनिक पहलुओं पर गहराई से विचार किया जाएगा। कार्यक्रम में देश के सुप्रसिद्ध न्यायविद्, सांसद, नीति-निर्माता, शिक्षाविद् एवं सामाजिक कार्यकर्ता सहभागिता करेंगे। उनके विचारों और अनुभवों के माध्यम से इस विषय पर एक व्यापक दृष्टिकोण स्थापित किया जाएगा।
प्रमुख विमर्श बिंदु:
- संसाधनों का समुचित उपयोग
लोकतांत्रिक प्रक्रिया में - समन्वय और स्थायित्व
- आचार संहिता की बारंबारता से मुक्ति
- शासन और विकास में रुकावटों की न्यूनता
- एकीकृत चुनाव प्रणाली की व्यवहार्यता
निष्कर्ष:
“एक साथ चुनाव” विषयक यह संगोष्ठी केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि भारत की चुनाव प्रणाली के भविष्य पर गहन विमर्श की एक पहल है। यह राष्ट्र-हित में चुनावी सुधारों के संभावित मार्गों को खोजने और साझा समझ विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
समाज के प्रति आह्वान
एक समावेशी, सशक्त और सजग लोकतंत्र के निर्माण में नागरिकों की भूमिका सर्वोपरि होती है। “एक राष्ट्र, एक चुनाव” जैसे विषय केवल नीतिगत बहस के विषय नहीं, बल्कि हर जागरूक नागरिक की चिंता का केंद्र बनने चाहिए।
हम सभी का उत्तरदायित्व है कि हम चुनावी प्रक्रिया की प्रभावशीलता, आर्थिक व्यय की बचत, शासन की स्थिरता और विकास की गति जैसे मुद्दों पर समझ विकसित करें और रचनात्मक संवाद में भाग लें।
राधे श्याम चैरिटेबल फाउंडेशन इस राष्ट्रीय विमर्श में समाज के प्रत्येक वर्ग — छात्र, शिक्षक, युवा, विधिज्ञ, नीति-विश्लेषक, मीडिया और आम नागरिक — से अपेक्षा करता है कि वे न केवल इस विचार को समझें, बल्कि इसके भविष्य को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं।
आइए, हम सभी मिलकर इस विचार यात्रा में सहभागी बनें और एक संगठित, समावेशी और सशक्त भारत की दिशा में योगदान करें।
तिथि: 13 जून 2025 (शुक्रवार)
समय: सायं 4:00 बजे से 7:00 बजे तक
स्थान: डिप्टी स्पीकर हॉल, कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली, रफी मार्ग, नई दिल्ली, दिल्ली – 110001